महापौर प्रत्याशी मालती किन्नर घर घर जाकर कर रही है जनसंपर्क,
छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर पालिका निगम का महापौर चुनाव इस बार बेहद रोचक हो गया है. कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर किन्नर समुदाय से आने वाली मालती किन्नर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने मैदान में उतर चुकी है. मालती, जो पिछले 25 वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रहीं और जनता की सेवा करती आई हैं, उन्होंने अपने लिए पहली बार जनता से समर्थन मांगते हुए बड़ी पार्टियों को चुनौती दी है. मालती किन्नर का कहना है कि उन्होंने कोरबा के घर-घर जाकर लोगों को आशीर्वाद दिया है और अब पहली बार अपने लिए आशीर्वाद मांग रही हैं.
उन्होंने भरोसा जताया कि कोरबा की जनता उनकी सच्ची नीयत और सेवा भाव को पहचानते हुए उन्हें अपना आशीर्वाद देगी. बड़ी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस कितनी भी बड़ी पार्टियां हों, लेकिन इस बार अंतिम फैसला जनता ही करेगी.
मालती किन्नर ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से वार्ड क्रमांक 11 से पार्षद की टिकट मांगी थी, लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद मालती ने महापौर पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया. उनका कहना है कि उनके पास परिवार नहीं है, इसलिए जनता ही उनका पूरा परिवार है. महापौर बनने के बाद वह अपने निजी स्वार्थों के बजाय शहर और जनता के विकास के लिए काम करेंगी. उनका वादा है कि जहां लोग महापौर बनने के बाद अपने घर-परिवार को समृद्ध करने में लग जाते हैं, वहीं वह शहर और जनता की सेवा को प्राथमिकता देंगी.
मालती ने जनता से एक मौका देने की अपील करते हुए कहा कि नर-नारी को हमेशा राजनीतिक मंच पर मौके मिलते हैं, लेकिन इस बार किन्नर समुदाय को प्रतिनिधित्व करने का अवसर दें. उन्होंने वादा किया है कि वह कोरबा शहर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी. यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में किन्नर समुदाय की राजनीतिक सफलता का उदाहरण पहले भी देखने को मिला है. रायगढ़ नगर निगम में मधुबाई किन्नर ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए 33,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी और भाजपा उम्मीदवार को 4,537 मतों से पराजित किया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मालती किन्नर भी इसी तरह का इतिहास दोहराने में सफल हो पाती हैं.