पाली तानाखार से विधायक केरकेट्टा का टिकट लगभग तय,
कोरबा. पाली तानाखार से विधायक मोहित केरकेट्टा की टिकट लगभग तय मानी जा रही है। पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट और संगठन से मिले फीडबैक के बाद यह तो तय हो चुका है कि विधायक केरकेट्टा की टिकट काटने के मूड़ में आलाकमान बिल्कुल भी नहीं है।
दरअसल इस बार कांग्रेस के ७५ प्लस की तैयारियों में जितने भी सीटिंग विधायक हैं, उन सभी के लिए सर्वे पार्टी ने कराया था। सर्वे रिपोर्ट में यही बात सामने आई कि पहली बार पाली तानाखार सत्ता के साथ रहा। विधायक केरकेट्टा को सीएम भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत का बेहद करीबी माना जाता है। विधायक को इन तीन वर्षों में फंड की कमी नहीं होने दी गई। विधायक मोहित ने सुनियोजित तरीके से विकास कराया। सभी जाति धर्म चाहे कंवर, गोड़, पिछड़ा, इसाई,ओबीसी वर्ग समाज के लिए विविध कार्य कराए गए। सर्वधर्म समाज भाव से विकास कराने का ही परिणाम है कि आज पाली तानाखार में हर समाज मोहित केरकेट्टा के साथ खड़ा है।
० २०१८ में २० दिन पहले पार्टी में आए और जीतकर सबको चौकाया
2018 में चुनाव के 20 दिन पहले 15 साल से कांग्रेस विधायक और पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष राम दयाल उइके ने पार्टी छोड़ बीजेपी जॉइन कर ली थी, ऐसे समय में कांग्रेस के पास कोई जिताऊ दावेदार नहीं था,तब पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल और डॉ चरण दास महंत ने मोहित केरकेट्टा को कांग्रेस प्रवेश कराया और कांग्रेस से टिकट दी। एक तरफ 15 साल के विधायक उईके और गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम चुनावी मैदान में थे। इन सबके बावजूद मोहित केरकट्टा ने 10 हज़ार वोटो से चुनाव जीता था।
0 लोकसभा में कांग्रेस की लाज पाली ने ही बचाई थी
लोकसभा चुनाव 2019 मे कांग्रेस को सबसे अधिक बढ़त पाली तानाखर से ही मिली थी, कोरबा विधानसभा से वोटों की खाई को पाटने का काम पाली तानाखार की जनता ने ही किया था। कांग्रेस विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव को भी देखते हुए टिकट फाइनल करेगी। पिछली बार प्रदेश से सिर्फ दो सीट पर कांंग्रेस को लोकसभा में जीत मिली थी, इसमें एक कोरबा भी थी, इस जीत के पीछे मोहित केरकेट्टा की अहम भूमिका थी।
0 बांगो में जुटे पदाधिकारी, एक स्वर में केरकेट्टा के नाम पर मुहर
रविवार को बांगो रेस्ट हाउस में पाली तानाखार के सभी ब्लॉक और अन्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों की बैठक हुई, बैठक में सर्वसम्मति से एक स्वर में मोहित केरकेट्टा को प्रत्याशी बनाने पर मुहर लगाई। सभी पदाधिकारियों का कहना था कि मोहित के आने के बाद संगठन मजबूत हुआ है।