कोरबा खबर

ऐसा क्या हुआ कि नेता प्रतिपक्ष और सर्व हिन्दू समाज द्वारा महापौर निवास का घेराव किया गया ? क्यों महापौर को भगवाधारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा…..? जाने क्या है पूरा मामला….

. कोरबा नगर निगम के वार्ड क्रमांक 14 के पंप हाउस मैगजीन भाटा में शनिवार काे नगर निगम के अमला ने चबूतरा काे ताेड़ दिया था। जिसके बाद से बवाल मचा है। हिंदू संगठन उक्त चबूतरे काे धार्मिक स्थल बताते हुए आक्राेशित है। नगर निगम के नाेटिस देने के 24 घंटे के भीतर ही उक्त स्थल काे ताेड़े जाने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष हितानंद, बजरंग दल सहित धर्मप्रेमियों ने रविवार काे महापौर निवास का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। साथ ही पंप हाउस में एक धर्म विशेष के अवैध स्थल काे तत्काल बंद करने की मांग की। इस दाैरान महापौर राजकिशाेर प्रसाद ज्ञापन लेने बाहर आये, जहां महापौर को लाेगाें के भारी रोष का सामना करना पड़ा। महापौर के सामने ही उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद महापौर अपनी गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गए। इस अवसर पर वार्ड क्रमांक 13 की पार्षद ऋतु चौरसिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, बद्री अग्रवाल, चंदन सिंह, चंद्रहास यादव, हर्ष तििवारी सहित भारी संख्या मे कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने कहा कि क्या विशेष समुदाय का इतना दबदबा हो गया है कि उनके इशारे पर धार्मिक स्थल ताेड़ दिया जा रहा है। उन्हाेंने महापौर पर आराेप लगाया कि उन्हाेंने निगम अधिकरियों को मौखिक रूप से आदेश दे कर नोटिस जारी करने आदेशित किया, निगम अमले द्वारा शाम 6:30 बजे नोटिस दिया गया और सुबह 10 बजे उक्त स्थल काे तोड़ने दल बल पहुंचे गए। जहां धार्मिक स्थल एवं पेड़ काे उखाड़ दिया गया। वहीं विशेष समुदाय द्वारा वार्ड में एक के बाद एक बेजा कब्जा करके 3 धार्मिक स्थल का निर्माण कराया गया है जिसपर निगम प्रशासन किसी तरह का राेकथाम नहीं किया गया। अब धार्मिक स्थल काे महापौर द्वारा बेजाकब्जा बताया गया। वार्ड में धर्मांतरण का खेल महापौर और कांग्रेसियो के संरक्षण में फल फूल रहा है।

बजरंग दल के जिला संयाेजक राणा ने कहा कि इससे नगर निगम के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है क्या निगम के संरक्षण में पंप हाउस में एक समुदाय विशेष का अवैध धार्मिक स्थल का निर्माण हो रहा है। पंप हाउस वार्ड क्रमांक 14 में ऐसे 3 स्थल का निर्माण हाे गया है जहां धर्मांतरण का कार्य चल रहा है। जिसमे भोले भाले लोगो को बरगला कर धर्मांतरण कराया जा रहा है।

महापाैर राजकिशाेर प्रसाद ने इस संबंध में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अवैध निर्माण की सूचना पर निगम के अधिकारी माैके पर पहुंचे थे जहां एक दिन पहले नाेटिस दी गई थी। अगले दिन निगम की टीम ने वहां पहुंचकर ससम्मान उक्त स्थल काे आपसी सहमति के बाद हटाया था। किसी धर्म विशेष काे संरक्षण देने का आराेप निराधार है। मेरे वार्ड के पार्षद बनने से पहले ही उस धर्म के धार्मिक स्थल वहां बने हुए हैं।

Jitendra Dadsena

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