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जिम्मेदार अधिकारी के संरक्षण से कोरबा जिले में कोयले की चोरी दिनदहाड़े हो रही, हर दिन लाखों की चपत एसईसीएल कंपनी को इन दो खदानों से लगाई जा रही है।

कोरबा – एसईसीएल की गेवरा-दीपका माइंस में कोयला चोरों की ताकत लगातार बढ़ रही है। खबर के मुताबिक रात में ही नहीं अब वे दिनदहाड़े यहां से चोरी करने पर आमादा हैं। दावा किया जा रहा है कि सर्वोच्च स्तर से मामले को सेट कर लिया गया है इसलिए सीआईएसएफ चोरों को पकडऩे के बाद भी कुछ नहीं कर पा रहा है।खबर के मुताबिक एसईसीएल की दीपका और गेवरा खुली खदानें चोरों के लिए सबसे बड़ा टारगेट है। कई जगह से चोरों ने अपने लिए एंट्री प्वाइंट बना लिए हैं और आसान तरीके से प्रवेश करने के साथ अपने अवैध काम को अंजाम देने में न केवल लगे हुए हैं बल्कि सफल हो रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी मात्रा में कोयला निकालने के साथ इसे बोरियों और अन्य संसाधनों से बाहर भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि हर दिन लाखों की चपत एसईसीएल कंपनी को इन दो खदानों से लगाई जा रही है। महीने का आंकलन किया जाए तो यह करोड़ों में पहुंचता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि उच्च स्तर से मिली हुई शह के आधार पर ही चोर गिरोह अपने काम को कोलफील्ड्स में बेखौफ तरीके से संचालित कर रहा है। इसके लिए खदान क्षेत्र के आसपास के किशोरों से लेकर प्रौढ़ वर्ग को इस काम में संविदा आधार पर नियोजित किया गया है। ये सभी बेरोजगारी को लेकर मचाए जा रहे हाय-तौबा के बीच बड़े आराम से अपना काम करने के साथ बेहतर कमाई करने में सफल हो रहे हैं। इस काम में उन्हें कोई झंझट इसलिए भी नहीं है क्योंकि मामला लोकल होने से जुड़ा हुआ है और संख्या बल ज्यादा होने पर कोई उनके सामने टिक भी नहीं सकता।बताया जाता है कि कोरबा जिले की खदानों से चोरी किये जाने वाले अच्छे ग्रेड के कोयला को बाहर कैसे खपाया जाए इसके लिए पूरी रणनीति बनाई गई है। सूत्र बताते हैं कि झाबर से लेकर आगे के हिस्से में फर्जी कोल डिपो खोल दिए गए हैं। असली खेल यहां से ही होता है। कई जगह प्लाटिंग भी कराई गई है। लोग जल्दी से इस बारे में समझ नहीं पाते। समय के साथ यहां रखा कोयले का ढेर वाहनों में लोड होने के साथ आगे मूव हो जाता है। नए सुरक्षा अधिकारी के सामने चोरी रोकने की चुनौती
मार्च महीने में एसईसीएल के सुरक्षा विभाग की ओर से अपनी खदानों में हो रही कोयला चोरी को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए हरदीबाजार, दीपका थाना के साथ पुलिस अधीक्षक को पत्र दिया गया था। इसमें बताया गया था कि किस तरह से कोयला चोर खदानों में पहुंचते हैं और अपने कारनामों को अंजाम देते हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल होती हैं। चोरों को हमारे सुरक्षा कर्मी रोकते हैं तो उनके साथ बदतमीजी की जाती है और महिला संबंधी अपराध में फंसा देने की धमकी भी दी जाती है। इसलिए इस तरह की घटनाओं को रोकने की उम्मीद पुलिस से पत्र में की गई थी। इस संबंध में पुलिस से पूछा गया तो उसने अनजान बनने के साथ इतना जरूर कहा कि चोरी रोकने की कोशिश की जा रही है। गिरोह किसका है और कौन लोग काम कर रहे हैं यह खोज की जानी बाकी है। चोरी-चकारी करने वालों के चक्कर में दीपका के सुरक्षा अधिकारी मेजर कृपाल सिंह को स्थानांतरित कर दिया गया। ऐसे में स्वाभाविक है कि नए आने वाले अधिकारी के सामने चोरी रोकना बड़ी चुनौती होगी।”

Jitendra Dadsena

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