जय सिंह की लंका दहन का विभीषण कौन महापौर या सभापति ,
कोरबा जय सिंह अग्रवाल को मिली करारी हार का जिम्मेदार कौन है महापौर , सभापति या रूठे कांग्रेस के नेता किसने जय सिंह की लंका जलाई, कोरबा विधानसभा में जय सिंह अग्रवाल जो सभी समाज के लिए कार्य करते थे उनको समाज मे उच्च दर्जा दिया गया था फिर इस चुनाव में कैसे उनको हार मिली
महापौर के वार्ड में महापौर का विरोध शुरू से ही रहा है इस मौके को भाजपा के कदावर नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने मौके पर चौका जड़ा जो भाजपा के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी,
कहाँ कहाँ पर हुआ था महापौर का विरोध……
1) कचरा गोदाम में महापौर को बंधक बनाया गया था
2 ) पंप हाउस में जमीन का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास का लाभ को लेकर जनता ने शुरू से विरोध किया
3) अटल आवास का पुनरुथान को लेकर किये गए वादे जो खोखले थे जहाँ की जनता ने महापौर और सांसद को हितानंद के नेतृत्व में घेर लिया था
4 ) मंदिर चबूतरे को तोड़ने का विरोध में बस्ती में विरोध
5) पंप हाउस में विकास का नही होना, पैसों का बंदरबांट करना,
6 ) खोखले वादे जो पंप हाउस में कभी पूरे नही किये
इन सब बातों से पंप हाउस की जनता नाराज चल रही थी जिसका खामियाजा जय सिंह अग्रवाल को भुगतना पड़ा है
महापौर की निष्क्रियता से पूरे निगम क्षेत्र में कांग्रेस को नुकसान हुआ है जिसको सभी पार्षद स्वीकार कर रहे है
पंप हाउस के चारो बूथ में टोटल 3226 वोट डाले गए थे किसी भी बूथ में जय सिंह को बढ़त नही मिली 728 वोट से भाजपा को बढ़त मिली,
कांग्रेस को 1249 वोट मिले वही भाजपा को 1977 वोट मिले इससे कही न कही ऐसा प्रतीत हो रहा है की कोरबा की जनता महापौर से नाराज चल रहा थी और महापौर ने ही लंका दहन किया है