खनिज विभाग के खुले संरक्षण में गौण खनिज का अवैध खनन परिवहन धड़ल्ले से जारी? कार्यवाही के दावे पस्त, रेत तस्कर मस्त, कलेक्टर के आदेशो का ठेंगा दिखाता रेत माफिया, बिना तिरपाल ढके रेत का परिवहन,
कोरबा जिले में इन दिनों रेत खदानों से अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी है। प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में जिले से रेत का अवैध परिवहन और खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग के पास कार्यवाही को लेकर खनन विकास एवं विनियमन 1957 की धारा 21 एवं छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 नियम 71 छत्तीसगढ़ खनिज खनन परिवहन एवं भंडारण नियम 2009 के नियम 3 के तहत कार्रवाई के तमाम अधिकार सुरक्षित है। लेकिन सिर्फ कागजों में जमीनी स्तर पर कार्यवाही नहीं होने के कारण गौण खनिज की तस्करी करने वाले तस्करों के हौसले बुलंद हैl रेत की चोरी करने वाले शहर में खुलेआम क्षमता से अधिक खनिज वाहनों में परिवहन कर रहे हैं एवं नियम विपरीत उत्खनन भी कर रहे हैं। बावजूद इन तस्करों पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है इन तस्करों को कार्यवाही का भय नहीं है। इसके साथ ही कार्रवाई को लेकर उदासीनता विभागीय संरक्षण को स्पष्ट करता है। कार्रवाई की उदासीनता से जहां एक ओर गौण खनिज को लेकर राज्य सरकार को राजस्व की क्षति हो रही, वहीं दूसरी ओर अब शहर में दुर्घटना के दौर की भी शुरुआत हो चुकी है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण 5 अप्रैल कोरबा सीतामढ़ी में देखने को मिला जहां अवैध मिट्टी परिवहन में लगे ट्रैक्टर ने दादा और 3 साल के पोते को अपनी चपेट में ले लिया। इस दुर्घटना में दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार ट्रैक्टर में मिट्टी परिवहन किया जा रहा था।दुर्घटना करने वाले वाहन में मिट्टी परिवहन से संबंधित किसी प्रकार के वैध दस्तावेज भी नहीं है। कल की दुर्घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच सभी बिंदुओं पर कार्रवाई में जुट गई है। अब जांच के बाद ही पता चल जाएगा वास्तविकता क्या है। कोरबा जिले में गौण खनिज के अवैध परिवहन और उत्खनन पर आखिर कब विराम लगेगा यह अपने आप में सवाल है। आखिर क्या कारण है कि संबंधित जिम्मेदार विभाग के अधिकारी इस तरह नियम विपरीत परिवहन करने वाले पर कार्यवाही करने में नाकाम है।