कोरबा जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने अपनी कारगुजारी छिपाने चोरी से लगाई आग, अधिकरी ने कहा संबंधित को नोटिस जारी कर मंगा जाएगा जवाब,
कोरबा जिला अस्पताल धमाकों से गुंजा, शहर के मध्य से दिख रहा था अस्पताल से उठता काला धुँआ,
कोरबा जिले में अधिकरी कर्मचारी अपनी काली करतूतों को छिपाने में लगे है वही साफ सफाई के नाम पर उनको मौका मिल गया और उस मौके का फायदा उठाने में लगे है लेकिन इसकी जानकारी मीडिया की लगते ही मौके पर पहुँच कर इसकी जानकारी रविकांत जाटवर से मांगी इस संबंध में उन्होंने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नही है और तत्काल मौके पर आकर वास्तु स्तिथि से अवगत हुए, और आग बुझाने का आदेश दिया, इस दौरान उन्होंने स्टोर इंचार्ज को नोटिस जारी कर जवाब मांगने की बात कही है
आग में जल रहे थे डिस्पोजल पीपीटी किट, दवाई से भरी एमपुल, धमाकों के साथ फुट रहे थे एमपुल,
आग बुझाने के नही थे इंतज़ाम रविकांत जाटवर ने लगाई इंचार्ज और स्टाफ को फटकार
जिस जगह पर आग लगाई गई वहाँ आग के फैलने से रोकने के कोई इंतजाम नही किये गए थे इससे खासे नाराज रविकांत जाटवर के गुस्से का सामना स्टाफ और स्टोर इंचार्ज को करना पड़ा जाटवर ने कहा कि उस तरह हॉस्पिटल में कही भी आग लगाना गलत है और आग फैलने से रोकने के इंतजाम नही रखना उससे भी गलत है आप को नोटिस जारी किया जाएगा आप इसकी जानकारी मुझे देंगे ,
स्टोर इंचार्ज के निष्क्रियता से लाखों के डिस्पोजल पीपीटी किट खा गए चूहे,
एक तरफ जहाँ पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी वही दूसरी तरफ डॉक्टर, नर्स भगवान बने थे उनकी सुरक्षा के लिए डिस्पोजल पीपीटी किट की व्यवस्था की गई थी जिससे उनको मरीजो के इलाज के दौरान संक्रमण न हो लेकिन स्टोर इंचार्ज के गलती से शासन के लाखों रुपये के दिये डिस्पोजल पीपीटी किट को चूहे खा गए, और इन्हें छिपाने के लिए स्टोर इंचार्ज ने आग के हवाले कर दिया, मीडिया को सामने देख उन्होंने और जलाने के लिए मंगा कर रखे चूहे खाये पीपीटी किट को वापस ले जाकर हॉस्पिटल में रखवा दिया,
बायो मेडिकल वेस्ट को किस तरह नष्ट करना है इसकी जानकारी स्टोर इंचार्ज को अच्छे से थी उन्होंने ने आग के साथ सैकड़ो की संख्या में रखे एमपुल को भी आग के हवाले कर दिया जो आग में बम के धमके की तरह फट रहे थे और शिशे धमाके से दूर गिर रहे थे गनीमत यह रही कि किसी को चोट नही लगी वरना कोई गंभीर हादसा हो सकता था
जिस जगह आग लगाई गई उस जगह में हाई टेंशन विधुत का पोल लगा हुआ है अगर समय पर रविकांत जाटवर आग को नही बुझवाते तो आग अपने दमखम से जलती तो हाई टेंशन वायर टूट कर गिर सकता था जिससे कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी
जांच और नोटिस से क्या जवाब आएंगे सामने देखने की बात होगी, क्या कार्यवाही पारदर्शी होगी या अधिकारी अपने कर्मचारियों को बचाने में लगे रहेंगे,