पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में अतिरिक्त चावल गबन का खेल, खाद्य निरीक्षक मौन।
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का चावल वितरण नही किया गया, साथ ही साथ मृत व्यक्ति के नाम से राशन का उठाव करते है संचालक , संरक्षक ही जब भक्षक बन जाये तो गरीबो की सुनता ही कौन है गरीबो की आवाज़ गांव के मुखिया और संरक्षक दबा रहे है विगत कई माह से हम गरीबो के हक का चावल गबन करने वालो की खबर चला रहे है जिसमें अलग अलग ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक द्वारा कार्यवाही की गई , जांच और कार्यवाही में कही किसी प्रकार की कमी नही पाई गई लेकिन पोड़ी ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक पंकज बरवा अतरिक्त चावल और मृत व्यक्ति के चावल का गबन करने वालो को इनका आंतरिक संरक्षण प्राप्त है जिससे जांच प्रभावित हो सकती है इन शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालको की जांच एक टीम बना के या किसी और खाद्य निरीक्षक के अधीन पारदर्शीता के साथ किया जाना चाहिए कोरबा जिले से 80 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुल्हरिया, ग्राम पंचायत खम्हारमुड़ा, ग्राम पंचायत बूढ़ापारा, ग्राम पंचायत अमलिकुण्डा इन सभी ग्राम पंचायत में अतिरिक्त्त चावल का गबन किया गया है आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है अतिरिक्त चावल गबन का खेल कहने बोलने की बात नही है
खाद्य निरीक्षक पंकज बरवा अपने क्षेत्र में नही करते भ्रमण जिससे उनके क्षेत्र के संचालक मनमानी करते है मंथली स्टॉक रजिस्टर मेंटेन नही किया जाता न कभी खाद्य निरीक्षक भौतिक सत्यापन के लिए जाते है आफिस में बैठ कर फ़ोन से करते है लाइन अप अगर खाद्य निरीक्षक फील्ड में कार्य करते तो संभवत ऐसी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नही होती , पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में एक सहायक खाद्य अधिकारी और दो खाद्य निरीक्षक है पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में 114 ग्राम पंचायत है जिसमे से लगभग 50 दुकाने पंकज बरवा के अधीन है इन 50 दुकान में भी अगर खाद्य निरीक्षक भ्रमण नही कर सकते या संभाल नही सकते है तो उनको दुकान कम करने के लिए अपने सहायक खाद्य अधिकारी से बोलना था वही कोरबा शहरी ब्लॉक में , करतला ब्लॉक में , कोरबा ग्रामीण में , पाली ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक लगभग 70 दुकान के लगभग ये सभी खाद्य निरीक्षक संभाल रहे है वही गलती करने वालो पे तुरंत कार्यवाही की जा रही है मगर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक को घर बैठ कर कार्य करना पसंद है जिस वजह से वो दुकानों का भ्रमण करना पसंद नही है जिसका फायदा दुकान संचालक उठा रहे है