*जूते के रैक में छुपा बैठा था काला नाग, उसके गुस्से को देख के आप की रूह काप उठेगी, स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेन्द्र सारथी पर किया लगातार हमला।*
साप का नाम सुनते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं, डर से लोगों की हालत खराब हो जाती हैं, जरा सोचिए वही साप अगर आप के घर पर रखें जूते चप्पल के बीच छुप कर बैठा हो और जूते निकालते समय अचानक से फन निकाल कर आप पर लगातार हमला करे तो क्या होगा जी ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से ऐसा ही एक विडियो सामने आया हैं जिसको देख कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे जी हा कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र में रह रहे राजेश बरवे का पूरा इस समय सकते में आ गया जब उनका पालतू बिल्ली एक कमरे में जूते चप्पल के रैक के पास जाकार खडा हो गया मानो उसको किसी की गंध मिला हो पर जूते चप्पल के ढेर में उसको दिखाई नहीं दे रहा था पर उसकी आवाज़ आ रही थी फ़िर क्या था घर वालो को ये समझते देर नहीं लगी की वो कोबरा सांप है क्यू की इससे पहले भी राजेश बरवे के घर में कई बार कोबरा सांप घुसा था, जिसके बाद राजेश बरवे की पत्नी अनिता बरवे ने बिना देरी किए इसकी जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी फिर कुछ देर के बाद पहुंचे जितेन्द्र सारथी ने जूते चप्पल से भरे रैक को खाली करना चालू किया ही था की काला नाग फन फैला के खड़ा हो गया और लगातार हमला करने लगा, उसका आवाज़ इतना तेज और भयानक था की घर वालों की डर से हालात ख़राब हो रही थीं, फिर जैसे तैसे उसको बाहर निकाला गया तब थोड़ा घर वालों को राहत महसूस हुई पर डर उस समय और बढ़ गया जब वो काला नाग गुस्से से आग बबूला हो कर जितेन्द्र सारथी पर ही लगातार हमला करने लगा पर खतरनाक से खतरनाक रेस्क्यू में एक्सपर्ट जानकार व्यक्ति जितेन्द्र सारथी के सूझ बूझ उसके हमले से ज्यादा तेज होना रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करता हैं आखिरकार काले नाग को फिर सुरक्षित डिब्बे में डाला गया तब जाकर घर वालों ने राहत महसूस किया और जितेन्द्र सारथी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
राजेश बरवे की पत्नि अनिता बरवे ने बताया इससे पहले भी हमारे घर में कई बार कोबरा, डोडिया, धमना साप घुस चुका हैं पर अक्सर हमारे पालतू बिल्ली की वजह से हमारी जान बच जाती हैं साथ ही साप का पता चलते ही जितेन्द्र सारथी भैया हर पल सेवा के लिए समर्पित रहते हैं जिससे हमें बहुत बड़ी मुसीबत में बचा लेते हैं।
आखिर जितेन्द्र सारथी और उनकी टीम इतना खतरा मोल क्यू लेते हे जिसमें उन्होंने बताया बेशक हमारे काम में एक सेकंड की गलती और मौत निश्चीत हैं ये बताते हुए कहा हमारे काम में दुसरे काम की अपेक्षा ज्यादा खतरा होता हैं, पर किसी ने किसी को तो आगे आना होता हैं मानव जीवन के साथ इन बेजुबान जीवों को जान बचाने लिए ताकि दोनो को ज़िंदगी बच सकें,हमें रेस्क्यू करते समय बहुत ज्यादा सतर्क रहना पड़ता हैं एक चूक हमें ज़िंदगी और मौत के बिच खड़ा कर सकती हैं।
रेस्क्यू टीम जिले में किस तरह काम कर रहीं आइए जानते हैं जितेन्द्र सारथी ने बताया जिले में जिस तरह से साप निकल रहें वो चौका देने वाला आंकड़ा हैं, पर हमारी टीम 24 घण्टे हर समय रेस्क्यू के लिए तैयार खड़ा रहता हैं, रेस्क्यू काल आते ही उनके घर पहोंच कर साप को सुरक्षित पकड़ लेने के उपरात घर वालो को राहत महसूस करता हैं जिससे एक बड़ी दुघर्टना होने से रुक जाता हैं।
जिला प्रशासन ने 15 अगस्त को स्नेक रेस्क्यू टीम के सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया साथ ही जिला प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए आर्थिक सहयोग के लिए भी सोचना भी जरूरी है जो जिले में हज़ारों लोगों के साथ बेजुबान जीवों की जान बचाने के लिए हर पल समर्पित रहते हैं।