ये भाई जरा देख के चल, ये अपना कोरबा की सड़क है,
राज्य में सत्ता बदल गई सरकार बदल गई परंतु नहीं बदली कोरबा के लोगों की किस्मत. भाजपा सरकार बने लगभग 9 महीने हो चुके हैं लेकिन कोरबा के सड़कों का सुधार करने कोई विशेष प्रयास नजर नहीं आ रहा, आगामी दिनों में नवरात्रि सहित अन्य त्योहार शुरू होने वाले हैं जिससे कि शहर में चहल-पहल बढ़ेगी और लोगों की मजबूरी बनेगी की जर्जर हो सके सड़कों पर दुर्घटनाओं की आशंका के बीच आवागमन करें,
कोरबा की सड़कों का इस मानसून में जितना बुरा हाल हो गया है, शायद ही कभी हुआ होगा। सड़कों पर खतरनाक गड्डे हो गए हैं। कई जगह तो सड़कों पर ऊपर की लेयर ही गायब है। इसलिए कोरबा में सड़कों से गुजर रहे हैं तो संभल कर चलें।
खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए सलाह है कि कहीं ऐसा न हो कि आप का वाहन अचानक गड्ढों में जाए और आप दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं। यह खराब हालत कुछ मानसून के कारण तो कुछ अधिकारियों की लापरवाही से हुई है। छोटी सड़कों का ही नहीं मुख्य मार्गों का भी बुरा हाल है।
सड़कों की मरम्मत के लिए सत्ता पक्ष के नेताओं ने आघोषित चुप्पी साथ रखी है,ये वही नेता है जो विपक्ष में रहते हुए सड़कों को लेकर काफी हो हल्ला करते थे, वहीं वर्तमान में विपक्ष की भूमिका निभाने वाले नेताओं के द्वारा शहर की जर्जर हो चुकी सड़क के लिए शांत रहना किसी रहस्य से कम नहीं है,कोरबा की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि शहर की समस्याओं को लेकर चुनिंदा जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार नहीं रह गया एवं कोरबा की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है,