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पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में राशन दुकान संचालक लोगो के हक का चावल डकार गए , शिकायत के बाद भी नही होती कार्यवाही ,

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जिले मे शासकीय राशन दुकानों में गरीब परिवारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर गरीब परिवार को अतिरिक्त चांवल वितरण करने का आदेश जारी की गई थी, लेकिन दुकान संचालक अतिरिक्त चावल वितरण करने के बजाए अपने ही जेब गर्म कर रहे, ऐसा ही एक मामला कोरबा जिला से लगभग 60 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक का है, जहां पर ग्राम पंचायतों में स्थित शासकीय राशन दुकानों में अतिरिक्त चावल आवंटन हुआ ही नहीं,और कही कही भौतिक सत्यापन की कमी है ग्राम पंचायत 1) सरभोखा , 2) रिंगनिया , 3)मानिकपुर , 4) मड़ई के राशन दुकानो में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने वाले ५ किलो अतिरिक्त चावल का वितरण ही नहीं किया गया, सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जिन्हें जानकारी ही नहीं थी, जैसे राशन दुकान संचालक एवं फूड इंस्पेक्टर उन्होंने अपना फायदा उठाया और पूरा राशन आहरित कर लिया। जब शासन ने पुराने राशन कार्ड को लेकर लोगो को नया राशन कार्ड जारी किया फिर क्यों ?

रींनगनिया गांव में सरपंच सचिव ने लोगो को नया राशन कार्ड क्यों जारी नही किये ग्राम पंचायत रिंगनिया के कई कार्ड धारियों का पुराना पीडीएफ में चावल दिया जा रहा है, जब हमारे संवाददाता ने उन राशन कार्ड धारियों से जानकारी लेनी चाहिए तो उनका कहना था कि सरपंच द्वारा हमें नया राशन कार्ड का पीडीएफ अब तक नहीं दिया गया, नए पीडीएफ के लिए दुकान संचालन करने वाला व्यक्ति 1500 रुपए का मांग करता है, नया पीडीएफ देने के लिए , वही पंचायत सरभोखा में अतिरिक्त चावल का वितरण हुआ ही नहीं और साथ ही साथ हर महीने मिलने वाले चावल में भी कटौती की गई है, गौर करने वाली बात यह है कि फ़ूड इंस्पेक्टर द्वारा राशन दुकानों की जांच समय समय पर नही की जाती जिसका फायदा दुकान संचालक उठा रहे है

भौतिक सत्यापन नही होने से दुकान संचालक अपनी मनमानी करते है और हेरा फेरी कर रहे है आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्रों में दुकान संचालकों की मनमानी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, इसका फायदा राशन दुकान संचालक ने उठाया और लाखों का चावल अपने पास रख गबन कर लिया। लेकिन अधिकारी की मिलीभगत के कारण कार्यवाही नहीं होने से संचालक एवं फूड इंस्पेक्टर का हौसला बुलंद है। संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से जो अतिरिक्त आवंटन चावल वितरण नहीं किए जाने पर खाद्य अधिकारिय की भूमिका पर सवाल खड़ा हो रहा है, गरीबों के हक के चावल की हेराफेरी में अधिकारियों व राशन दुकान संचालक से मिलीभगत का अंदेशा जताया जा रहा है फूड इंस्पेक्टर नहीं करते राशन दुकानों की मानिटरिंग आपको बता दें कि लगातार ग्रामीणों की शिकायत आ रही है कि फूड इंस्पेक्टर राशन दुकान में नहीं आते अपना बंधा कमीशन को लेकर संचालक को खुली छूट देकर इस तरह के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं जहां शिकायत होने के बाद भी पंचनामा बना कर ठंडे बस्ते में रख दिया जिसपे कोई कार्यवाही नही की जाती वर्जन – क्या कहते हैं खाद्य अधिकारी मामले की शिकायत मिली है। खाद्य नियंत्रक को जांच के निर्देश दिए जाएंगे। संस्था ने यदि गड़बड़ी की है तो नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाएगी

Jitendra Dadsena

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