कोरबा खबर

20 जून को धूमधाम से निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा,क्या है महत्व और मान्यता. जाने इस खबर में …….

कोरबा जिले में रथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं, रथजुतिया पर्व की तैयारी को लेकर ग्रामीणों में काफी उल्लास का माहौल देखा जा रहा है। आषाढ़ शुक्ल के द्वितीया को मनाया जाना वाला भगवान जगन्नाथ की शोभायात्रा, रथजुतिया पर्व 20 जून को धूमधाम से मनाई जाएगी।

कोरबा शहर के निकट ग्राम दादरखुर्द का रथयात्रा उत्सव जिले भर में प्रसिद्ध है। मान्यता के अनुसार आषाढ माह के प्रथम दिन से मंदिर का पट बंद हो गया है, इस दौरान भगवान के बीमार होने के कारण उन्हें 15 दिनों तक मौसमी फल, आम रस और जामुन का भोग लगाया गया, ब्रह्ममुहुर्त में रथजुतिया के दिन मंदिर का पट खुलेगा। दर्शनीय रथ यात्रा को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए ग्राम दादर खुर्द के भगवान जगन्नाथ मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। आयोजन में विशेष आकर्षण केंद्र भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की प्रतिमाओं को सुसज्जीत कर रथ में बैठाया जाता है।

मंदिर के पुजारी कुंज बिहारी द्विवेदी ने बताया कि मंदिर 124 वर्ष पुराना है, रानी धनराज कुंवर के जमीदारी के समय ग्राम दादर में थवाईत परिवार निवास करता था, जो रानी का मालगुजार हुआ करता था। यह परिवार भगवान जगन्नाथ की भक्ति करता था, परिवार के सदस्य दर्शन के लिए पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर जाया करते थे। उनके मन में इच्छा जाहिर हुई कि कोरबा में भी भगवान जगन्नाथ की एक मंदिर स्थापित की जानी चाहिए। दर्शन करने गए थवाईत परिवार द्वारा पुरी से भगवान जगन्नाथ की एक फोटो लाई गई। उस फोटो को देखकर महानीम के वृक्ष को काटकर भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा बनाई गई और सन 1899 में मंदिर की नींव रखी गई। तब से आज तक विधि-विधान से मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की जाती है और प्रत्येक वर्ष पुरी की तर्ज पर दादर-खुर्द में भी रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।

जगन्नाथ मंदिर और पुरी की तर्ज पर रथ यात्रा का आयोजन के कारण कोरबा का गांव दादर-खुर्द छोटा पुरी के नाम से भी प्रदेश में जाना जाता है। रथयात्रा के आयोजन में कोरबा जिले के अलावा पड़ोसी जिले के भी भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। खास बात यह है कि रथ यात्रा के दौरान गांव की ब्याही हुई बेटियों को उनके ससुराल से निमंत्रण देकर बुलाया जाता है और वे सभी इस आयोजन में शामिल होती हैं। इस दौरान गांव में भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

Jitendra Dadsena

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