130 करोड़ की लागत से दादरखुर्द में बन रहा कब्रिस्तान, नगर निगम है निर्माण एजेंसी,ऐसे करे बुकिंग….
कोरबा, जिले में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत दादरखुर्द में निर्माधीन 2784 मकान 130 करोड़ की लागत से बन रहे है, गरीबों के पक्का मकान का सपना पूरा हो करके प्रधान मंत्री ने प्रधान मंत्री आवास योजना को प्रारंभ किया है ये योजना प्रधान मंत्री की महत्वकांछी योजना में से एक है, छत्तीसगढ़ में 18 लाख प्रधान मंत्री आवास नही बने थे जिसको अपने बैनर तले बीजेपी ने उठाया और छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में सफल हुए,
प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 2019 में पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कार्य का भूमिपूजन किया था 96 ब्लॉक में 2784 मकानों का निर्माण किया जा रहा है जिसमे गुणवत्ता का ध्यान नही रखा जा रहा है साथ ही साथ मजदूरों का शोषण किया जा रहा है कार्य कर रहे मजदूरों को पीएफ, ईएसआईसी की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है, कोरबा जिला वर्तमान छत्तीसगढ़ शासन के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन का निवास स्थान है और ऐसे में मंत्री के जिले में मजदूरों का शोषण किया जा रहा है, जिसमे कोई कार्यवाही नही हो रही है,
ठेका अनुबंध गुजरात की फार्म बैकबोन कंपनी के साथ किया गया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनुबंध प्राप्त ठेकदार ने 3 ठेकदारों को पेटी में कार्य का वितरण किया हुआ है, ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की पेटी में दिए गए कार्य में कितना गुणवत्तापूर्ण कार्य हुआ है,
निगम के 3 इंजीनियरों के भरोसे 96 ब्लॉक में 2784 मकानों का निर्माण कराया जा रहा है यह निर्माण 3 फेस में किया जा रहा है पहले फेस में 986 मकान, दूसरे फेस में 1044 मकान, तीसरे फेस में 754 मकान का निर्माण किया जा रहा है मकानों के पहुंच मार्ग का कार्य भी प्रारंभ है, निगम के इंजीनियर और अधिकारी दौरा नही करते है न कार्यों के गुणवत्ता का ध्यान रखते है,
मकान 75000 और 3 लाख 25 हजार में वितरण किया जा रहा है जिसमे 75 हजार में 314 मकान का अंबाटन किया गया है और 3लाख 25 हजार में 269 मकानों का अंबाटन किया गया है शेष बचे मकानों के लिए अंबाटन प्रक्रिया चल रही है,
दादरखुर्द में बन रहे आवास के प्लिंथ बीम, ग्राउंड बीमा लटक रहे है या नीचे से खोखले हो चले है, खिड़की दरवाजे को निम्न स्तर का बनवाया गया है, खिड़की दरवाजे के टीन लगते ही टूटने लगे है, ऐसे में कैसे होगा गरीबों के आशियाना का सपना पूरा, बिना आईएसआई मार्क के फ्लश डोर लगाए जा रहे है, और अमानक स्तर के दरवाजे खिड़की, मकान के बाहरी दीवार तो 8 इंच का है मगर अंदर के दीवाल महज 4 इंच के है जिसमे मजबूती के लिए किसी भी प्रकार का सरिया नही डाला गया, कभी कोई हितग्राही अगर दीवार में एक कील ठोकेगा तो दीवार उसके ऊपर गिरने की संभावना बनी रहेगी, ऐसे में सवाल उठता हैं की क्या निगम 75 हजार या 3 लाख 25 हजार में मौत का आशियांना दे रहा है लोगो को,
इस मामले को लेकर निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने बताया की नगर निगम के इंजीनियर कार्य कर रहे है और अगर कही कोई गड़बड़ी है तो इसकी जांच की जायेगी, और दोषी को किसी भी हाल में बक्शा नही जायेगा,
इस मामले को लेकर लोगो ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी है
मधुसूदन दास युवा कांग्रेस महासचिव ने इस मामले को लेकर कोरबा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर वास्तु स्थिति से अवगत करा कर कार्यवाही की मांग की है,
लक्ष्मण श्रीवास पूर्व पार्षद बीजेपी ने बताया की दोषियों पर उचित कार्यवाही होनी चाहिए जो प्रधान मंत्री के महत्वकांक्षी योजना पर पतीला लगा रहे है
मकान लेने के लिए हितग्राही को कोरबा जिले का निवासी होना चाहिए और उसका पूरे भारत में कही भी पक्का मकान नही होना चाहिए, आवेदन फार्म नगर निगम में कुछ दिनों के बाद पुनः मिलेगा जिसमे 3 लाख 25 हजार को 10 किश्तों में जमा किया जाना है किश्त 32500 रुपए 10 माह तक प्रतिमाह की दर से भुगतान करना होगा।