वन विभाग के मौजूदगी में किया गया किंग कोबरा का रेस्क्यू ,कोरबा जिले के दोनों स्नेक रेस्क्यू टीम ने साथ मिलकर किया 11 फ़ीट लंबे किंग कोबरा का रेस्क्यू।
छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला जैव विविधता से भरा पड़ा हैं इस बात में कोई दो मत नहीं साथ ही यह भी कहना गलत नहीं होगा की वन्य जीवों के साथ जहरीले सापो के लिए भी कोरबा का घना जंगल अनुकूल वातावरण प्रदान करता हैं जिसके कारण विश्व का सब से बड़ा विषधर किंग कोबरा यहां बड़ी तादाद में पाया जाता हैं जिसके संरक्षण के लिए कोरबा वन विभाग के साथ जिले के रेस्क्यू टीम लगातार काम कर रहा हैं कोरबा जिले में आए दिन अलग अलग क्षेत्रों से किंग कोबरा दिखने की जानकारी मिलते रहती हैं ऐसा ही आज बालको के बेला गांव में एक किंग कोबरा कूवे में गिरने की जानकारी स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को मिली जिसपर गांव वालों ने बताया की किंग कोबरा लम्बे समय से गिरा हुआ हैं जिसके फौरन बाद जितेन्द्र सारथी इसकी जानकारी वन विभाग के वनमण्डलाधिकारी एवम उपवनमण्डलाधिकारी उत्तर को सूचित किया गया जिसपर वनमण्डलाधिकारी के निर्देश पर तत्काल वन अधिकारियों के साथ स्नेक रेस्क्यू टीम जितेन्द्र सारथी एवम अविनाश यादव पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया, लम्बे समय से कुंवे में रहने से किंग कोबरा सुस्त पड़ गया था जिसको बाहर निकाला जल्द से जल्द जरूरी था भिड़ को दूर करते हुए लम्बे से बास की मदद से आखिरकार किंग कोबरा को बाहर निकाल लिया गया थोड़ी देर धूप में रखने के पश्चात साप को बैग में रखा गया जिसके बाद उपवनमण्डलाधिकारी के उपस्तिथि में सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया, इस अवसर पर श्री ईश्वर कुजुर उपवनमण्डलाधिकारी उत्तर, श्री संजय लकरा वन परिक्षेत्र अधिकारी बालको, बालको परिक्षेत्र कर्मचारी राजेश भारतद्वाज, लखन आर्मो, चेतन ध्रुव, रेस्क्यू टीम के देवाशीष राय, राजू बर्मन, शरद, सागर, अजय, विवेक, कमलेश, नरेश, नागेश साथ ही बड़ी संख्या में स्थान्य लोग मौजूद रहे।
जिले के दो बड़ी टीम लम्बे समय के आपसी मदभेत को भूल कर किया सफल रेस्क्यू।
लम्बे समय से जिले में दो बड़ी टीम वन्य जीवों के संरक्षण में काम कर रही थीं जिसके बीच में एक लम्बे समय से मदभेद चलता आ रहा था आखिरकार आज खत्म हुआ, स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी और आरसीआरएस टीम अध्यक्ष अविनाश यादव पहली बार किसी बड़े रेस्क्यू में एक साथ दिखे जो हैरान कर देने वाला विषय रहा साथ ही लोगों में चर्चा का विषय बन गया की आखिरकार दोनों एक साथ कैसे रेस्क्यू कर रहे, इन दोनों बड़े टीम के एक साथ होने से जिले में रेस्क्यू कार्य और तेजी से होने की संभावना हैं साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण में तेज़ी आयेगी इस बात में कोई दो मत नहीं, अब देखना होगा आगे किस तरह यह दोनों टीम कार्य करती हैं।
जितेन्द्र सारथी ने बताया छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले एक मात्र जिला हैं जहा किंग कोबरा बड़ी संख्या में दिख रहा हैं जिसके संरक्षण के लिए कुछ माह पहले नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी के सर्वे के उपरांत डीपीआर तैयार कर के वन विभाग को सौंपा गया हैं जिस पर जल्द ही फिर से कार्य करने की योजना वन विभाग बनाने की जरूरत हैं।
अविनाश यादव ने बताया हम आगे भी रेस्क्यू का काम निरंतर एक साथ मिलकर काम करेंगे ताकि कोरबा के जंगल ओर कोरबा के खुबसूरत और अनोखे जीव जन्तु को बचा पाने में हम सफल हो और आम जनों को दोनों टीम के एक साथ हो जानें से मदद और आसानी से मिल सकें।