अन्य खबर

वेदांता बालको के योगदान से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर प्रगति

WhatsApp Image 2024-03-09 at 21.00.10
WhatsApp Image 2024-08-14 at 22.04.50
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.51
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.49
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.46
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.45
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.43
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.40
WhatsApp Image 2024-08-14 at 19.56.36
previous arrow
next arrow
Shadow

शिक्षा सतत विकास लक्ष्यों के वैश्विक एकीकृत ढांचे की कुंजी है। तेजी से बदलती दुनिया में जीवन भर सीखने के लिए एक गुणवत्तायुक्त बुनियादी शिक्षा आवश्यक है। वर्ष 2030 तक ‘समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा देने’ के उद्देश्य से सतत विकास के लक्ष्य-4 की ओर अग्रसर होते हुए बालको शिक्षा के प्रसार के लिए अपने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में कंपनी का प्रयास, नंदघर के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तथा वेदांता स्किल स्कूल और प्रोजेक्ट कनेक्ट के माध्यम से तकनीकी शिक्षा, डिजिटल शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।
नंदघर प्रारंभिक अवस्था में बच्चों के समग्र विकास की सुविधा प्रदान करता है।
नंदघर भारत में ग्रामीण बच्चों और महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए परिवर्तनकारी पहल है। वेदांता समूह और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित परियोजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण पिछड़े इलाकों को देश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। नंद घरों के जरिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल रही है। यह परियोजना बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की उपलब्धता, महिलाओं के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है।
नंदघर परियोजना के माध्यम से वेदांता बालको यह सुनिश्चित कर रहा कि हर बच्चे की पूर्ण क्षमता का विकास हो सके। वर्तमान में 262 नंदघर छत्तीसगढ़ राज्य में 18000 से अधिक बच्चों के जीवन को बदल रही है उन्हें कक्षा में सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रम बाला (बिल्डिंग एज़ लर्निंग एड) पेंटिंग और डिजिटल लर्निंग के माध्यम से इंटरैक्टिव लर्निंग प्रदान कर रहे हैं। नंद घरों में ई-लर्निंग के माध्यम से तीन से छह वर्ष के बच्चों को स्कूल-पूर्व की शिक्षा दी जाती है।
अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नंदघर में महिलाओं को पौष्टिक भोजन पकाने के तरीकों, साधनों और कुपोषण को रोकने के लिए पोषण के महत्व के बारे में भी शिक्षित कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अब तक 3100 से अधिक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शिक्षित किया जा चुका है। शासकीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जा रही है। परियोजना का उद्देश्य भारत के ग्रामीण पिछड़े इलाकों को देश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।
प्रोजेक्ट कनेक्ट स्कूली छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।
गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा व्यक्तियों को सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारियों के प्रति तैयार करने के साथ सामाजिक पूंजी का निर्माण और प्रभावी समावेशी विकास को प्रोत्साहित करती है। इसी के अनुरूप वर्ष 2016 में शुरू ‘परियोजना कनेक्ट’ का उद्देश्य स्थानीय विद्यार्थियों में विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और लेखा (सेमा) में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए समुदाय की जरूरतों को पूरा करना है। परियोजना मुख्य रूप से बालको कर्मचारियों तथा स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से छात्रों के ग्रेड में सुधार, शिक्षकों की क्षमता निर्माण और करियर परामर्श के लिए एक सक्षम वातावरण बनाकर सरकारी स्कूलों में सीखने के माहौल में सुधार लाने पर केंद्रित है।
छह सरकारी स्कूलों में कनेक्ट परियोजना के माध्यम से सेमा (विज्ञान, अंग्रेजी, गणित और लेखा) विषयों पर नियमित कक्षाओं से 2500 से अधिक छात्र को लाभान्वित हुए हैं। शाम को नियमित संदेह सत्रों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के 200 से अधिक छात्रों को लाभान्वित हो रहे हैं। समावेशी शिक्षा के स्तंभ को मजबूत करते हुए स्कूल जाने वाले छात्रों की मौजूदा स्थिति का पता लगाने और स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की पहचान करने, पुनः प्रवेश के लिए समुदाय में माता-पिता, शिक्षकों और पंचायती राज संस्थान के सदस्यों के साथ नियमित रूप से ‘कम्युनिटी कनेक्ट’ आयोजित किया जा रहा है। व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस परियोजना में कला, शिल्प, नृत्य, संगीत, कैलीग्राफी, स्पोकेन इंग्लिश अंग्रेजी, गणित, मिट्टी के बर्तन, योग और एरोबिक्स आदि पर छात्रों को शिक्षित करने वाले नियमित ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविर भी शामिल हैं।
शिक्षा को आजीविका से जोड़ता वेदांता स्किल स्कूल।
युवाओं को रोजगारपरक कौशल से सशक्त बनाने के उद्देश्य से बालको ने 2010 में कोरबा वेदांता स्किल स्कूल की स्थापना के लिए लर्नेट स्किल्स लिमिटेड के साथ भागीदारी की। वेदांता स्किल स्कूल प्रशिक्षण केंद्र में आतिथ्य उद्योग, वेल्डिंग, सिलाई मशीन ऑपरेटर, सोलर पीवी टेक्निशियन, इलेक्ट्रीशियन और फिटर के छह ट्रेडों में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 45 से 65 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। वेदांता स्किल स्कूल मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई), नाबार्ड, स्किल इंडिया इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईआईबी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (एनआईएसई) जैसी सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण दे रहा है।
कोरबा में कौशल विद्यालय की सफलता के बाद क्रमशः वर्ष 2017 और 2018 में मैनपाट और कवर्धा में दो और केंद्र स्थापित हुए। इन केंद्रों से छत्तीसगढ़ के लगभग 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा उन्हें देश भर के विभिन्न उद्योगों में रोजगार मिला है। युवाओं को प्रशिक्षण देने के अलावा, संस्थान इस क्षेत्र में रोजगार दर, जीवन की गुणवत्ता, असमानताओं को कम करने और जीवन के कई अन्य पहलुओं में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बालको समर्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के माध्यम से बालकोनगर में उत्कृष्ट शिक्षा को सुलभ बना रहा है जिसे वर्ष 2012 में बालको टाउनशिप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु स्थापित किया गया था। स्थापना के बाद से संस्था समाज को अपनी सराहनीय सेवाएं प्रदान कर रही है। बहुत ही कम समय में स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में और साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में खुद को प्रतिष्ठित किया है।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने कहा कि समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारे सामुदायिक विकास प्रयासों में प्रमुख स्तंभ है। गुणवत्तापूर्ण और व्यावसायिक शिक्षा के साथ हमारे युवा छत्तीसगढ़ और भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कंपनी की परियोजनाओं के माध्यम से हमारा लक्ष्य स्थानीय युवाओं के बीच कौशल विकास के अवसरों तथा व्यावसायिक शिक्षा बढ़ावा देना जिससे उन्हें रोजगार योग्य कौशल सीखने के अवसर प्राप्त हों। देश के उत्तरोत्तर विकास में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण है। हमारे विभिन्न सामुदायिक विकास कार्यक्रम इसी दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं।
गवर्नमेंट स्कूल, गोधी की प्रिंसिपल रिनी दुबे ने कहा कि बालको हमारे छात्रों के लिए अनुकूल सीखने का माहौल बनाने में हमारी मदद कर रहा है जो बेहद सराहनीय है। हमारे छात्र निश्चित रूप से सार्थक कदम का लाभ उठाएंगे और इस क्षेत्र में विकास का नेतृत्व करेंगे।
वेदांता स्किल स्कूल की छात्रा अमृता पांडो ने कहा कि कहा कि कौशल स्कूल में दाखिला लेना मेरे जीवन के सबसे अच्छे फैसलों में से एक रहा है क्योंकि इसने मेरे कौशल निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने परिवार को आर्थिक रूप से समर्थन देने में सक्षम बनाने के लिए बालको का बहुत आभारी हूं।

बालको के लिए समुदायों का सामाजिक-आर्थिक विकास सर्वोपरि है। कंपनी शिक्षा, स्थायी आजीविका, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य संपदा, स्वच्छता, खेल, संस्कृति और बुनियादी जरूरतों के विकास में गहन हस्तक्षेप के माध्यम से सालाना लगभग 1.5 लाख लोगों के जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के अवसर प्रदान करती है। बालको के सामाजिक विकास प्रयास छत्तीसगढ़ के 4 जिलों को कवर करते हुए 123 गांवों तक पहुंचती है। कोरबा, कवर्धा, सरगुजा और रायपुर, और इसकी सीएसआर नीतियों और प्रणालियों को जमीन पर स्थायी प्रभाव देने के लिए तैयार और कार्यान्वित किया जाता है, जिससे इन समुदायों को राष्ट्र की प्रगति में एक समान भागीदार बनाया जाता है।

Jitendra Dadsena

100% LikesVS
0% Dislikes

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button