रेंजर की दबंगई 500 रोपे गए पौधो पर चलवाई ट्रैक्टर, ग्रामीणों में आक्रोश, मामल जमीन हड़पने का…
कोरबा। कलेक्ट्रेट में काफी गहमा-गहमी दिखाई दे रही थी। करतला ब्लाक के नोनबिर्रा निवासी दो दर्जन से अधिक कुम्हार परिवार के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर अजीत वसंत को ज्ञापन सौंपा और कोरबा वनमंडल के कोरबा रेंजर रघुनाथ सिंह राठिया और उसके भाई चतुर सिंह राठिया की शिकायत की। शिकायत पत्र में कहा गया है कि रेंजर और उसके भाई ने मिलकर हमारे द्वारा पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा माटीशिल्प के लिए कुम्हार परिवार को पांच एकड़ शासकीय भूमि शासन द्वारा आबंटित की गई थी, जिसमें 10 वर्षों से हम काबिज हैं, लेकिन रेंजर रघुनाथ सिंह राठिया की पोस्टिंग कोरबा में होने के बाद वे कुम्हार परिवार पर धौंस जमा रहे हैं और हमें आबंटित पांच एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा करने की नियत से हमें डराया-धमकाया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि ग्राम नोनबिर्रा में कुम्हार परिवार के लगभग 30 घर परिवार हैं और हम उक्त जमीन में माटी शिल्प का काम कर जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि उक्त पांच एकड़ जमीन का नक्शा खसरा कुम्हार परिवार के नाम से जारी करें और रेंजर तथा उसके भाई से हमारी सुरक्षा करें।
500 पौधों पर चलवा दिया ट्रैक्टर
कुम्हार परिवार के हंसराम कुम्हार, राजाराम कुम्हार, सरोज कुम्हार, सीताराम कुम्हार सहित अन्य शिकायतकर्ताओं ने बताया कि रेंजर राठिया और उसके भाई ने कल उक्त जमीन पर हमारे द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत लगाए गए 500 से अधिक पौधों पर ट्रैक्टर चलवा दिया और हमें धमकाया गया कि इस जमीन पर नजर मत रखना, क्योंकि यह जमीन हमारे दादा पुरखों से हमारे द्वारा काबिज जमीन है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि रेंजर द्वारा कहा जाता है कि मैं किसी मंत्री का आदेश नहीं मानता और ये जमीन हमारी है और इस पर हमारा ही कब्जा रहेगा।
ननकीराम को भी सौंपा ज्ञापन
कुम्हार परिवार के लोग कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम को भी ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि तुम सभी लोग कलेक्टर को ज्ञापन सौंपो और कोई भी तुम्हारी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता।
रेंजर राठिया ने कहा-जिस जमीन पर कुम्हार परिवार कब्जा करना चाहता है, उसमें हमारे पुरखों का कब्जा
जब इस संबंध में प्रतिक्रिया ली गई तो कोरबा रेंजर एवं नोनबिर्रा (करतला)निवासीरघुनाथ सिंह राठिया ने कहा कि वह जमीन शासकीय है और हम आदिवासी होने के नाते हमारे दादा पुरखा के लोग इसमें फसल उगाकर जीवन यापन करते रहे हैं और हम तीन भाई अब गांव में ज्यादा रहते नहीं तो कुम्हार परिवार के लोग उक्त पांच एकड़ के जमीन में बस्ती बसाना चाह रहे हैं। यह उनकी कई साल से काबिज जमीन है। उक्त जमीन पर कोई पौधरोपण नहीं हुआ था और हमने पौधों को नष्ट नहीं किया है, यह आरोप निराधार है।
रेंजर राठिया ने कहा कि कलेक्टर महोदय इसकी जांच अवश्य कराएं। दूध का दूध -पानी का पानी हो जाएगा। जिस शासकीय जमीन पर कुम्हार परिवार अपना दावा कर रहे हैं, उक्त जमीन को न ग्राम सभा में प्रस्ताव पास किया गया और ना ही सरकार द्वारा आबंटित की गई है। ये लोग सिर्फ पूर्व गृहमंत्री के नाम पर लेटर दिखा रहे हंै और शासकीय जमीन पर बस्ती बसाना चाह रहे हैं। मैं चाहूंगा कि उक्त जमीन के संबंध में कलेक्टर महोदय अवश्य जांच करायें। गांव के लोगों से भी पूछताछ की जाए कि कौन परिवार उक्त जमीन पर काबिज हैं।