मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरबा में सौगातों की बौछार कर रहे थे, वहीं तकनीकी महाविद्यालय के स्टाफ शासकीय करण संबंधी मांगपत्र को लेकर भटकते रहे,आखिर क्यों शासन मौन रही ?
कोरबा- जिले का एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज दयनीय स्थिति में है, क्यों इसपर ध्यान नहीं दिये जा रहे। जहां कई हजार करोड़ों की सौगातें दी जा रही हैं, वहां संकट से घिरे महाविद्यालय को क्यों नहीं बचाया जा रहा। दो सालों में अनेकों बार शासन प्रशासन के चक्कर काटे गये। आज वो समय आया था , जब राज्य का मुख्या सौगात देने आये थे, आखिर उन तक संस्था के माँग पत्र को क्यों पहुँचने नहीं दिया गया। और न स्टाफ को अपनी माँग रखने का मौका दिया गया।
कहीं राजनीतिक दांवपेंच का मामला तो नहीं ?
सत्र 2008 में भाजपा शासन-काल में तकनीकी महाविद्यालय की नींव रखी गयी थी। जन्मदाता भाजपा है, क्या यही कारण है कि कांग्रेस की सरकार डूबती हुयी महाविद्यालय को नहीं बचा पा रही।
” महाविद्यालय ” विद्या देवी सरस्वती का घर है, कोई पार्टी विशेष नहीं। शासन को इस विषय को गंभीरता से लेते हुये महाविद्यालय के हित में जल्द ही निर्णय लेने चाहिये।