जीएसटी गड़बड़ी की जाँच में घिरे हितानंद पहले अपने गिरेबान में झांके, निगम चुनाव में टिकट पाने कर रहे नौटंकी……महापौर राजकिशोर ने दिया तगड़ा जवाब
कोरबा। ऊर्जानगरी में नेताओं के बीच कमीशन और भ्रष्ट्राचार को लेकर रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सोशल मीडिया में कमीशन लेने के आरोप लगने के बाद निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद ने हितानंद अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बता दें कि हितानंद अग्रवाल ने सोशल मीडिया में कमीशन लिए जाने का पोस्ट जारी किया था। जिसके जवाब में महापौर राजकिशोर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा है कि खुद हितानंद करोड़ों की जीएसटी की गड़बड़ी की जाँच में घिरे हैं और दूसरों पर कीचड़ उछालने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्हें देख लेना चाहिए कि यदि वह किसी पर एक उंगली उठा रहे तो चार उंगली उनकी ही ओर इशारा कर रही है। महापौर ने सवाल उठाए हैं कि क्या कारण है कि जीएसटी के छापे उनके संस्थानों पर बार-बार पड़ रहे हैं।अभी भी करोड़ों की जीएसटी की गड़बड़ी की जांच चल रही है।
महापौर ने कहा है कि यदि उनके कारोबार से जुड़े आयकर आदि अन्य तथ्यों की सूक्ष्मता से जांच की जाए तो कई रहस्य उजागर होंगे। न केवल करोड़ों रुपए जीएसटी की गड़बड़ी का मामला सामने आएगा बल्कि कई अन्य गोरखधंधे से अनुपातहीन संपत्ति अर्जित किए जाने का पता चलेगा।
महापौर ने कहा कि यह बात सभी जानते हैं कि हितानंद अपने चाचा पूर्व विधायक के राजनैतिक प्रभाव व नेतागिरी की आड़ में किस तरह सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बड़ी इमारतें खड़ा कर रहे हैं। सम्पति कर के मामले में निगम को लाखों का नुकसान पहुंचा रहे हैं।सरकारी जमीनों पर अबैद्ध तरीके से कब्ज़ा कर कालोनी बनाकर किराया वसूली करना इनकी आदतों में सुमार है।
महापौर ने सोशल मीडिया पर चल रहे कमीशन की बात पर कहा कि 3 साल पहले शहर की कथित सड़कों का निर्माण डीएमएफ मद से कराया गया था। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार 3 साल तक सड़क के रखरखाव की अवधि निर्धारित की गई थी, इस बीच सड़क निर्माण करने वाली ठेका एजेंसी ने अपने कर्तव्यों का पालन भी किया। अब रखरखाव की अवधि समाप्त हो चुकी है। बरसात बाद नए सिरे से निर्माण का कार्य किया जाना है।
जिन सड़कों में रखरखाव की अवधि शेष है उनका मरम्मत निर्माण एजेंसी के कॉस्ट पर किया जाएगा, और अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार जांच संस्थित कर निगम द्वारा कार्रवाई की जाएगी। सड़क निर्माण के लिए कमीशन लिए जाने जैसे आरोप हास्यास्पद और बेबुनियाद है। यह हितानंद के कुंठा व पूर्वाग्रह को दर्शाता है।
महापौर ने आरोप लगाया कि वास्तव में विधानसभा चुनाव में विधानसभा का टिकट पाने के लिए विपक्ष की सक्रिय भूमिका बताने के लिए मीडिया में छाये रहने की नौटंकी, विधानसभा का टिकट नहीं मिला तो लोकसभा के टिकट के लिए मीडिया में छाये रहने के की नौटंकी करते रहे और अब आने वाले चुनाव में कोरबा निगम में महापौर का टिकट पाने के लिए निराधार आरोप लगाकर मीडिया में छाये रहने की नौटंकी उनके द्वारा की जा रही है। जनता के हितैषी बनने वाले हितानंद तो खुद अरबपति आदमी है भीख मांगने की जरूरत क्या है।