जाति प्रमाण पत्र मामले में महापौर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, महापौर इस्तीफा दें:- हितानंद अग्रवाल
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने नगर पालिका निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद को जाति प्रमाण पत्र से संबंधित मामले में राहत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही इस विषय पर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया। कोरबा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने इस फैसले न्यायोचित बताया है, भाजपा पार्षद दल ने जिलाधीश अजित बसंत को ज्ञापन सौंप कर शीघ्र ही कार्यवाही करने की मांग भी की है |
विगत 2 दिन पूर्व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, कोरबा जिला प्रभारी मंत्री अरुण साव अल्प समय के लिए कोरबा प्रवास पर थे, जहाँ नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने उनसे भेंट कर कोरबा नगर निगम एवं महापौर के विषय मे विस्तृत चर्चा कर पूरी जानकारी से अवगत कराया था जिसपर श्री साव ने शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन भी दिया था |
नेता प्रतिपक्ष हितानंद ने कहा कि महापौर राकिशोर प्रसाद को इस सीट पर बैठे रहने का कतई अधिकार नहीं है। नैतीकता के आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कोरबा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि कोरबा एसडीएम ने जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति की रिपोर्ट पर महापौर के लिए जारी किए गए अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया था। इसके बाद राज किशोर ने राहत पाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। माननीय हाईकोर्ट ने उन्हें किसी भी प्रकार से राहत देने से इंकार कर दिया है।
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि महापौर ने 4 साल से अधिक समय तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये केवल और केवल भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। गरीबों और पिछड़ों का हक मारने का काम किया है।
नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि महापौर के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए, धारा 420 के तहत उनके ऊपर अपराध पंजीबद्ध हो 4 साल तक उन्होंने जो भी नगर पालिका निगम से लाभ प्राप्त किया है वह सब ब्याज समेत उनसे शासन को वसूलना चाहिए