कोरबा शहर की सड़को को किसकी लगी नजर, सड़को की दम घुटने से हो रही मौत महापौर और नगर निगम मौन,
कोरबा, जिले में पिछले दिनों से हो रही लगातार बारिश से सड़कों की जो हालत हुई है उसने शहर की सूरत ही बिगाड़ के रख दी है। शहर में ऐसी कोई सड़क नहीं बची जो उधड़ी ना हो। वाहन चालकों के साथ ही पैदल चलने वाले लोग भी परेशान हैं।
एक-दूसरे से जोड़ने वाली सड़कों पर जगह-जगह पर गड्ढे हो रखे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहन चालकों को हो रही है।शुरूआती बारिश में ही सड़कों के उखड़ जाने से सड़क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण कराया गया है, इस सड़क की गुणवत्ता परख कर ही निर्माण एजेंसी का बिल पास किया गया था, ठेका शर्तो के अनुसार 3 वर्ष तक सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है,
लेकिन निगम क्षेत्र में कई सड़के 1 वर्ष भी टिक नहीं रही ही और बारिश में उखड़ने लगी है. निगम द्वारा निर्माण एजेंसी से किस ढंग से काम कराया गया है और उसमें कितनी गुणवत्ता है इसका अंदाजा सड़क को देखकर ही लगाया जा सकता है, पहले ही बारिश में सड़क पर बिछाई गई डामर की परत निकल गई है और जगह-जगह बजरी निकल कर राहगीरों के लिए मुसीबत पैदा कर रही है,
नगर निगम द्वारा क्षेत्र की कई सड़कों का निर्माण कराया गया जीसमे मुख्य रूप से घंटाघर मार्ग से बुधवारी मार्ग,आईटीआई मार्ग, सोनालिया नहर मार्ग से स्टेशन तक,महाराणा प्रताप नगर मार्ग शामिल है यहां 3 साल में दो बार डामरीकरण कराया जा चुका है बावजूद सड़क की हालत बारिश शुरू होते ही जर्जर हो गई है सड़क में जगह-जगह गड्ढे दिख रहे हैं
निगम द्वारा साकेत भवन के सामने से तहसील कार्यालय तक प्रेस क्लब के सामने से बुधवारी बाईपास के सड़कों का डामरीकरण कराया गया था जिनका हाल भी किसी से छुपा नहीं है
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है क्योंकि न सिर्फ इन सड़कों के निर्माण और भुगतान की फाइल उनके टेबल से तो गुजरती है बल्कि रोजाना अधिकारियों का आना-जाना इन्ही सड़कों से होता है, इसके बावजूद हम लोगों को हो रही परेशानी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है,
महापौर राजकिशोर प्रसाद से सड़क की स्थिति की जानकारी चाहने पर उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में कुछ नहीं बता सकते उनका कहना था कि आप नगरनिगम के अधिकारियों से बात करें, उनके सुपरविजन में इन सड़कों का निर्माण हुआ है,सड़कों की गुणवत्ता का जवाब नगर निगम के अधिकारी दे पाएंगे