कोरबा में महिलाओं के विरुद्ध पुरुषों की शिकायत पर भी संज्ञान लेने युवा अधिवक्ता ने एसपी से की अपील
कोरबा। इसमें कोई संदेह नहीं कि बदलते दौर में पुरुषों के साथ भी अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। हालांकि कानूनी तौर पर और पुलिस विभाग के द्वारा प्रावधानों के तहत महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों/अपराधों पर त्वरित संज्ञान लेेकर कार्रवाई निर्धारित की जाती है। इसके विपरीत कई मामलों में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पुरुषों का शोषण नहीं होता। पुरुष भी घरेलू हिंसा एवं मानसिक उत्पीडऩ का शिकार होते हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 समानता का अधिकार के अनुसार धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
उक्त समानता का अधिकार के परिप्रेक्ष्य में एवं शोषण का शिकार हो रहे पुरुषों के मामले में युवा अधिवक्ता प्रिंस अग्रवाल ने जिला पुलिस अधीक्षक के नाम प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि जिस प्रकार पुलिस द्वारा समय-समय पर महिला संबंधी शिकायतों की समीक्षा कर कार्रवाई पर जोर दिया जाता है, ठीक उसी प्रकार पुरुषों द्वारा महिलाओं के विरुद्ध की गई शिकायत पर समीक्षा कर कार्रवाई होनी चाहिए। अधिवक्ता ने आग्रह किया है कि सभी थाना व चौकी प्रभारियों को इस संबंध में निर्देशित कर ऐसी शिकायतों की जांच कर कार्रवाई करें एवं पुरुषों को संवैधानिक अधिकार दिलाया जाय।