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कलेक्टर संजीव झा ने गौठानों में बारहमासी बाड़ी विकसित करने के दिये निर्देश

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कलेक्टर संजीव झा ने जिले के गौठानों में बाड़ी विकास के कार्यो में महिला समूहों को जोड़कर आजीविका के साधन विकसित करने के महत्वपूर्ण निर्देश दिये है। उन्होने गौठानों के खाली जमीनों का सदुपयोग करते हुए गांव की महिलाओं को संलग्न कर सब्जी उत्पादन करने के लिए कार्य योजना पर काम करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर झा ने आज उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक लेकर गौठानांे में बाड़ी विकास के कार्यो का फील्ड में सक्रिय होकर गंभीरतापूर्वक क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये। उन्होने ग्रामीणों को आजीविका गतिविधियों से जोड़ने शासन द्वारा चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन में लापरवाही नही बरतने के सख्त निर्देश बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने गौठानांे में बारहमासी बाड़ी विकसित करने की योजना पर सक्रियता से काम करने के निर्देश दिये। बारहमासी बाड़ी से गौठानांे में सभी सीजन में सब्जी का उत्पादन होगा। जिससे ग्रामीण महिलाओं को सब्जी बेचकर लगातार आय प्राप्त होगी। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री नूतन कंवर, सहायक संचालक उद्यानिकी आभा पाठक सहित उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले मौजूद रहे।

बैठक में कलेक्टर झा ने कहा कि उद्यानिकी विभाग एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग एवं समन्वय से गौठानों में बारहमासी बाड़ी विकसित करके आदर्श गौठान बनाये। उन्होने जिले में प्रारंभिक रूप से 25 गौठानों में बाड़ी विकास करके आदर्श गौठान बनाने के निर्देश उद्यानिकी अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गौठानों में सुनियोजित योजनाबद्व तरीके से गौठानों की परिस्थिति अनुरूप, मौसमवार सब्जी, फसलें उत्पादित किये जाए। सब्जी का उत्पादन इस प्रकार किया जाए कि गौठानों में बारह माह सब्जी उपलब्ध रहें। जिसका लाभ ग्रामीणों को एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका संवर्धन के रूप में मिल सके। उन्होने कहा कि गौठानों में क्यारियां बनाकर, मचान बनाकर, वर्टीकल स्टेªटजी अपनाकर सब्जी, फसल उत्पादन किया जाए। गौठान में बाड़ी विकास करने के लिए मैदानी अमले द्वारा फील्ड विजिट किया जाए, नजरी नक्शा बनाकर योजनाबद्व तरीके से क्रियान्वयन किया जाए। कलेक्टर ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आदर्श गौठान हेतु आजीविका गतिविधियों मंे शामिल करने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं की उचित काउंसिलिंग करके उन्हें सक्रिय एवं प्रेरित किया जाए।

Jitendra Dadsena

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