कलेक्टर श्री झा ने भू-विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा और सर्वसुविधा युक्त बसाहट उपलब्ध कराने एसईसीएल प्रबंधन को दिए निर्देश।
एसईसीएल कुसमुंडा कोल विस्तार परियोजना अंतर्गत अर्जित गांव खोडरी का विस्थापन वैशाली नगर में किया जाएगा। खोडरी में रहने वाले ग्रामीणों को विस्थापित कर बसाहट स्थल में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर श्री संजीव झा ने खोडरी के भू विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा तथा वैशाली नगर में भू विस्थापितों के रहने के लिए सर्व सुविधा युक्त बसाहट उपलब्ध कराने के निर्देश एसईसीएल के अधिकारियों को दिए हैं। इसी तारतम्य में कलेक्टर श्री झा की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना अंतर्गत अधिग्रहित ग्राम खोडरी हेतु जिला पुनर्वास एवं पुनः स्थापना समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर श्री झा ने प्रभावित ग्राम में नौकरी के लिए पात्र-भू विस्थापित व खातेदारों को नौकरी के साथ ही मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही नए बसाहट स्थल में पक्की सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट, पीने के पानी की व्यवस्था, सामुदायिक भवन, खेल मैदान, स्वास्थ्य केंद्र, तालाब, पूजा स्थल, स्कूल, आंगनबाड़ी और बाजार स्थल की भी व्यवस्था करने के निर्देश एसईसीएल के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर श्री झा ने फौती से जुड़े प्रकरणों का जल्द निराकरण के लिए ग्राम खोडरी में शिविर लगाने के निर्देश दिए। यहां शनिवार और रविवार को 2 दिन शिविर लगाकर ऐसे प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। कलेक्टर श्री झा ने ग्रामीणों की मांग पर खदान प्रभावित ग्राम रिसदी में भी निराकरण शिविर लगाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले, एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री संजय मिश्रा व एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारियों के साथ खदान प्रभावित खोडरी की सरपंच श्रीमती सीता कंवर, उपसरपंच श्री अजय कंवर सहित अन्य ग्रामीणजन मौजूद रहे।
बैठक में एसईसीएल के अधिकारियों ने बताया की 15 से 50 मिलियन टन कुसमुंडा कोल विस्तार परियोजना अंतर्गत खोडरी की लगभग 120 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया गया है। इसके अंतर्गत कुल 210 खातेदार शामिल है। इसके अंतर्गत अधिकतम 113 रोजगार बनती हैं। कलेक्टर श्री झा ने बैठक में कहा की शासन की जो योजना भू विस्थापितों के लिए तुलनात्मक रूप से सबसे बेहतर होगा उस योजना के अनुसार नौकरी, मुआवजा, बसाहट सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। एसईसीएल के अधिकारियों ने बताया की मुआवजा के लिए योजनाओं के तुलनात्मक गणना पश्चात भारत सरकार के अधिनियम (आरएफसीटीएलएआरआर-2013) के तहत मुआवजा अधिक मिलेगा। इसलिए ग्राम खोडरी का मुआवजा इसी अधिनियम के तहत दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत ग्राम खोडरी की काश्तकारी जमीन का लगभग 16 लाख 28 हजार 877 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दर निर्धारित किया गया है। कलेक्टर श्री झा ने कहा कि भू- विस्थापितों को जल्द रोजगार देने नामांकन की प्रक्रिया शुरू किया जाए। उन्होंने इसके लिए एसईसीएल और राजस्व विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिए। वहीं प्रभावित गांव में भू-विस्थापितों के परिसंपत्तियों का मूल्यांकन और परिवार सर्वे का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।