आचार संहिता से पहले मात्र साढ़े बारह करोड़ देकर जनता को गुमराह करने में लगीं सरोज पाण्डेय,
सिर्फ अनुशंसा भेजकर विकास का ढोंग फैला रही हैं कांग्रेस प्रवक्ता व सह संयोजक की प्रेसवार्ता
कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ रही भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सुश्री सरोज पाण्डेय ने कोरबा में राजनीति की शुरूआत धोखेबाजी व झूठ से प्रारंभ की है। कोरबा की जनता से झूठ बोलकर हितैषी बताने का प्रयास किया जा रहा है। उनके झूठ बोलने का प्रमाण दस्तावेजों में सामने आया है।
दस्तावेजी सबूतों के साथ पीसीसी के प्रवक्ता व वार रूम के सह संयोजक घनश्याम राजू तिवारी व आईटी सेल के पूर्व चेयरमैन समीर शुक्ला ने कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सत्तारूढ़ दल व कोरबा की भाजपा प्रत्याशी सरोज पाण्डेय द्वारा गुमराह कर झूठ परोसा जा रहा है। गलत बयानबाजी कर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये अपने प्रचार में प्रत्येक ग्राम पंचायत को 25-25 लाख रुपए देने की बात करती है और कोरबा लोकसभा में 919 ग्राम पंचायत है अर्थात 229 करोड़ 75 लाख रुपए ये कहां से लाएंगी। प्रत्येक सांसद को हर साल 5 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं। एक साल कोरोना के कारण केन्द्र ने राशि जारी नहीं की। इस तरह 2018 से 2024 के मध्य राज्यसभा सांसद रही सरोज पाण्डेय को 25 करोड़ रुपए केन्द्र से मिले, उन्होंने लोकसभा प्रत्याशी बनने के ठीक पहले कोरबा, कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर व गौरला-पेण्ड्रा-मरवाही के लिए साढ़े 12 करोड़ रुपए के कार्य अनुशंषित कर दिए। फरवरी से मार्च माह के बीच उन्होंने यह अनुशंसा की जबकि 16 मार्च से आचार संहिता लग चुकी है और कार्य की स्वीकृति में कम से कम 75 दिन लगते हैं।
0 कार्यों की कोई स्वीकृति नहीं मिली है, ठेका लेने अभी से होड़