अन्य खबर

अप्रैल – मई में हो सकते है नगरीय निकय चुनाव, प्रशासकों की हुई नियुक्ति,

WhatsApp Image 2024-12-24 at 14.37.25
WhatsApp Image 2024-12-24 at 14.37.25
previous arrow
next arrow

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव फिलहाल टलते नजर आ रहे हैं। सरकार द्वारा दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए व्यवस्था बनाने का भी काम शुरू कर दिया गया है।

दूसरी तरफ 17 दिसंबर 2024 को सभी पंचायत और 19 दिसंबर को नगरीय निकायों का आरक्षण की तिथि घोषित कर दी गई किन्तु ऐन वक्त पर एक दिन पहले ही 16 दिसंबर को पंचायतो का आरक्षण स्थगित कर दिया गया। 19 दिसंबर को नगरीय निकायों के वार्डों का आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण कराई गई।

नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के वार्डों का आरक्षण हो चुका है लेकिन महापौर से लेकर निकायों के अध्यक्ष पद का आरक्षण अभी शेष है। इसके पश्चात जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत के क्षेत्र व पंचायतों का आरक्षण की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इस प्रक्रिया में भी वक्त लगा है।

पहले माना जा रहा था कि दिसंबर के अंत तक चुनाव की आचार संहिता लागू कर दी जाएगी और इससे पहले आरक्षण की पूरी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी लेकिन जिस तरह से पंचायत का आरक्षण स्थगित कर दिया गया और पंचायतो का कार्यकाल अभी शेष है जो संभवत: 27 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। ऐसे में समय से पहले चुनाव कराना भी संभव नहीं। जिस तरह से चीजों को टाला जा रहा है, उससे इस बात के आसार बढ़े हैं कि चुनाव की तिथि अभी और आगे बढ़ेगी।

हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है लेकिन इस बात की चर्चा गर्म हो चलीं है कि चुनाव टलने वाले हैं। फरवरी के बाद विद्यार्थियों की परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा और परीक्षा के वक्त चुनाव करना संभव नहीं दिख रहा। छत्तीसगढ़ बोर्ड, होम एग्जाम और सीबीएसई की परीक्षाओं के बाद चुनाव की तैयारी के आसार दिख रहे हैं और ऐसा हुआ तो नगरीय निकायों और पंचायत के चुनाव मई-जून तक संपन्न कराये जा सकते हैं।

वैसे भी सरकार ने कार्यकाल समाप्त होने की तिथि से आगामी 6 माह के भीतर चुनाव करा लिए जाने का अध्यादेश पारित कर लिया है, इसलिए मौजूदा निकायों और पंचायत का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद उसके अगले 6 महीने के भीतर चुनाव करा लिए जाने का रास्ता साफ है। चुनाव में अभी वक्त लगने से जहाँ घोषणाओं की झड़ी लगी रहेगी वहीं दावेदारों को और समय मिला है जो नगरीय निकायों का आरक्षण के बाद प्रत्याशी चयन की दौड़ में लगे हुए हैं साथ ही जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का भी काफी लंबा समय मिल जाएगा। हालांकि आरक्षण को लेकर बेसब्री पंचायतों में भी बनी हुई है।

अब कलेक्टर के हाथो में होगी शहर की चाबी, प्रशासकों की 10 निगम में हुई नियुक्ति,

छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव समय नहीं होने के बाद अब राज्य सरकार ने संबंधित शहरों के लिए प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक जिले के कलेक्टर अब शहर की सरकार चलाएंगे.

छ्त्तीसगढ़ में निकाय चुनाव में हो देरी के बाद अब राज्य सरकार ने 10 नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. ये प्रशासक नगर निगमों का निर्वाचन कार्यकाल समाप्त होते ही अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे. जिला कलेक्टर ही निगम के प्रशासक होंगे और उन्हें सभी अधिकार प्राप्त होंगे. दरअसल, सरकार ने निगम चुनाव में हो रही देरी की वजह से प्रशासक नियुक्त किए हैं. ये प्रशासक ही अब शहर की सरकार चलाएंगे.

जिला कलेक्टर होंगे प्रशासक
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, संबंधित जिलों के कलेक्टर संबंधित शहरों के प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे. उनका मुख्य दायित्व शहरों के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाना होगा, जब तक कि नए निकाय चुनाव नहीं कराए जाते हैं.

चुनाव में देरी के कारण प्रशासकों की नियुक्ति
नगरीय निकाय चुनाव में हो रही देरी की वजह से यह कदम उठाया गया है. मतदाता सूची के पुनरीक्षण में संशोधन और अन्य प्रक्रियात्मक कारणों के चलते चुनाव कार्यक्रम फरवरी 2025 के बाद ही संभावित है.

नगर निगम प्रशासन पर असर
प्रशासकों की नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नगर निगमों के विकास कार्य और नागरिक सेवाएं बाधित न हों. चुनावों तक प्रशासक शहर की सरकार की भूमिका निभाएंगे और सभी प्रशासनिक निर्णय लेने में सक्षम होंगे.

Jitendra Dadsena

89% LikesVS
11% Dislikes

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button