राशन वितरण में बदलाव होने से सोसाइटी संचालकों के साथ-साथ हितग्राहियों की बढ़ी समस्या, पीडीएस संचालको का दर्द छलक पड़ा पर्दे के पीछे।

जहाँ गरीब वर्गों को निशुल्क राशन प्रदान करने वाले नियम में इतने बदलाव करके शासन वाहवाही लूट रही है, वही शासन राशन प्रदाय करने वालो पीडीएस संचालकों के दुख दर्द क्यों दिखाई नहीं दे रहा , आज जहाँ कई दुकान संचालक बढ़ते नियमो की वजह से और सर्वर की समस्या से जूझते हुवे लोगो को राशन वितरण किया जा रहा, सरवर एवं ब्लूटूथ की वजह से राशन वितरण में धीमी देखने को मिल रहा, एक दौर ऐसा था हितग्राहियों को राशन उठाओ को लेकर ज्यादा तामझाम नहीं करना पड़ता था, लेकिन आज का दौर ऐसा हो गया है कि राशन लेने के लिए हितग्राहियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, सुनने के लिए शासन के पास समय नही है, पहले रजिस्टर में लिख के वितरण किया जाता था, अब नियम में बदलाव कर टेबलेट लेकर आये जिसका फायदा मिलने की बजाय दुकान संचालक परेशान हुवे, हितग्राहियों को भी परेशानी झेलना पड़ा, और नियम की वजह से संचालक एवं हितग्राहियों के बीच विवाद तक होने लगी, उसके बावजूद भी दुकान संचालक राशन वितरण करते दिखे, फिर राशन वितरण में आया दौर डिजिटल करने का यहाँ कई महिला समूहों को इपोस चलाने में दिक्कतें आयी मगर उन्हों हार नही मानी और चलाना सिख कर हितग्राहियों को राशन वितरण को लेकर समस्या दूर करने की कोशिश की लेकिन सरकार की सख्ती यही नही रुकी उसने और नियम को सख्त करने और पारदर्शिता पूर्वक वितरण को लेकर इपोस में अपडेट किया और फिंगर दो बार लगाने का नियम लागू किया फिर इस नियम को बनाये कुछ दिन ही हुवे थे, कि नियम को फिर से चेंज करके ब्लॉटूथ वजन कांटा ले आये इनकी परेशानी बढ़ गयी और खर्च में बढ़ोतरी हो गयी । खर्च बढ़ गए क्यों कि राशन को तीन बार तौलना और नियमीत मात्रा में तौलने से समय और मजदूर की मात्रा बढ़ गयी वितरण प्रभावित हुआ वही सर्वर डाउन रहने से संचालकों एवं हितग्राहियों को भी घर का कार्य प्रभावीत हुवा लेकिन लोगो की समस्या को और वितरण प्रभावित न हो इस लिए दुकान संचालक द्वारा रात में सुबह सूर्योदय के समय जब लगे कि अब सर्वर सही है, वितरण करने गांव में मुनादी करवा देते थे, और बीमार बुजुर्ग से उनके घर जाके अंगूठा लगवाने लगे और उनको शासन की योजना का लाभ दिलवाने लगे, लेकिन इनकी कमीशन की राशि मे किसी प्रकार की बढ़ोत्तरी नही की गई आज भी पुराने दौर से कमीशन का वितरण किया जाता है, इनकी कमीशन समय से नही मिलने से परिवारों का पालन पोषण करने में काफी समस्या उठाना पड़ता है,
कमीशन समय पर ना मिलने से पीडीएस संचालक उधारी की जिंदगी जी रहे- जब हमारे संवाददाता ने कोरबा जिले के 5 ब्लॉक में स्थित शासकीय उच्च मूल्य दुकान के संचालकों से आबंटन एवं उनको मिलने वाली कमीशन को लेकर चर्चा की गई तो दुकान संचालक ने नाम नही छापने की बात पर बताया कि घर से अनबन और परिवार में इज़्ज़त कम हो गयी है, उधारी की जिंदगी जीने को मजबुर है, बारदाने के पैसा भी समय से नही मिलता है वही कोरोना काल की वजह से निःशुल्क वितरण से घर चलाना मुश्किल हो गया है, आज के दौर में ट्रक ड्राइवर की करनी का फल भुगत रहे हैं,
पीडीएस दुकान संचालक की जुबानी- संचालको ने बताया कि कमीशन की राशि बढ़ा कर देने और समय से मिलने पर हमें भी राहत मिलेगी, हर माह हमारे द्वारा शासन को डिमांड ड्राफ्ट बना कर शासन के शासकीय कोष में पैसा जमा किया जाता है, अगर दो से चार दिन लेट हो जाये तो हमारे खाद्य निरीक्षक द्वारा बार पैसा जमा करने को बोलते है, लेकिन शासन नियमो को लेकर बदलाव ला रही है, लेकिन हमारी फिकर सरकार को नही हैं अगर सरकार हमारी बाते नही सुन रही है तो आने वाले समय मे हम आंदोलन करने हेतु बाध्य है
आंदोलन करने से हमे नुकसान तो है लेकिन हम मजबूर हैं,
वर्जन- विनोद मोदी पीडीएस संघ अध्यक्ष ने कहा कि शासन द्वारा जो हमें कमीशन दे रही उस कमीशन में बढ़ोतरी करने की जरूरत है जिससे पीडीए संचालकों को कमीशन को लेकर कोई शिकायत ना हो, छत्तीसगढ़ राइस में 30 रुपए प्रति क्विंटल तथा सेंट्रल राइस में 70 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चावल मे कमीशन मिलता है एवं शक्कर में 5 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन मिलता है, चना में 100 रुपए प्रति क्विंटल तथा नमक में कुछ नहीं मिलता है,