भाजपा विरुद्ध भाजपा का ये रिश्ता क्या कहलाता है ???
कोरबा:- नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है लेकिन भाजपा अपने पूर्ण बहुमत के करीब होते हुए भी अपना महापौर नही बना सकी, सूत्र बताते है कि भाजपा पार्षदों के अंदरूनी कलह से कॉंग्रेस पूर्ण बहुमत से अपना महापौर बनाने में सफल हुई |
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मितानिन से छेड़छाड़ का आरोपी वार्ड क्रमांक 8 का पार्षद सुफल दास, आर्थिक अनियमितता में 63 लाख रुपये गबन के आरोप में जांजगीर जेल की हवा खा चुके वार्ड क्रमांक 39 के पार्षद लुकेश्वर चौहान द्वारा भाजपा पार्षद दल को कमजोर करने के लिए किसी के इशारों पर नेता प्रतिपक्ष बदलने की कूट रचना रची गई थी जो कि असफल होते दिखाई दे रही है, लुकेश्वर चौहान द्वारा भाजपा पार्षदो को बरगला कर सुफल दास को नेता प्रतिपक्ष बना कर काम करने की योजना बनाई थी, जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा कमजोर हो सकें, भाजपा के पार्षदों में सेंधमारी के लिए लुकेश्वर चौहान और सुफल दास को नेता प्रतिपक्ष बनाने का लॉलीपॉप देकर भाजपा पार्षद दल को तोड़ कर संगठन को कमजोर बनाने में लगे हुए है |
सूत्रों के अनुसार पहले भी लुकेश्वर की कार्यशैली पर लग चुका है प्रश्नचिन्ह ?
लुकेश्वर चौहान 2014 से 2019 तक भी नगर निगम में पार्षद थे उस दौरान भाजपा ने सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था जिसमे लुकेश्वर चौहान वोटिंग के दिन नदारद थे जिसके कारण भाजपा की संख्या बल कम होने अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था, लुकेश्वर के कारण पूरे कोरबा में भाजपा की किरकिरी हुई थी तो वही 31 मार्च 2023 को नगर निगम की सामान्य सभा मे भी लुकेश्वर चौहान नदारद थे जिसके कारण भाजपा को नुकसान हुआ और महापौर बजट पास कराने में सफल रहें, लुकेश्वर चौहान के इन सब हरकतों से भाजपा को भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ा है |
विधानसभा चुनाव 2023 में कही भारी न पड़ जाए भाजपा का अंदरूनी कलह ???
सूत्रों के अनुसार भाजपा की अंदरूनी कलह अगर नही रुकती है तो इसका खामियाजा भाजपा को आगमी विधान सभा चुनाव में करारी हार के रूप मे मिलने की संभावना है।