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बालको ने मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए चलाया जागरूकता अभियान,

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बालकोनगर, बरसात के बाद कई संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। बारिश के बाद घर के आसपास पानी के इकट्ठा होने से मच्छर पैदा हो जाते हैं इससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बालको अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार बरसात के बाद संक्रामक मच्छर के काटने से डेंगू बीमारी की घटनाओं का खतरा सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। डॉक्टर ने बताया इसे लेकर लापरवाही करना जानलेवा हो सकता है।

बालको अपने समुदायिक विकास कार्यक्रमों की मदद से समुदाय के स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। कंपनी की मोबाइल हेल्थ वैन ने मलेरिया, डायरिया और कृमि से बचाव पर 12 जागरूकता सत्र आयोजित किये गए। इस जागरूकता अभियान में लगभग 5500 लोग शामिल हुए। सत्र का आयोजन 12 स्कूल और 18 समुदाय में आयोजित किए गए जिनमें क्रमशः 1485 स्कूली छात्र और 4000 समुदाय के सदस्य शामिल थे। इसके साथ ही 33 नंद घर में आंगनवाड़ी और समुदाय के लगभग 600 सदस्यों को मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के बारे में शिक्षित किया गया। कंपनी की मोबाइल हेल्थ वैन टीम ने मरीजों के घर जाकर व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा सहायता और आगे के चिकित्सा उपचार के लिए बालको अस्पताल की सुविधा से अवगत कराया।

बालको अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक सिन्हा ने कहा कि डेंगू वेक्टर जनित रोग है जो मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है। डेंगू का शिकार होने पर व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मसल्स और जॉइंट्स में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी और स्किन पर रैशेज जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। सही समय पर इलाज ना मिलने से डेंगू घातक साबित हो सकता है। डेंगू होने पर लोगों का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाता है तथा कई गंभीर मामलों में ब्लीडिंग भी हो सकती है। इसमें से किसी भी लक्षण पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

डॉ. सिन्हा ने कहा कि 100 आधुनिक बेड से युक्त बालको अस्पताल कंपनी के कर्मचारियों एवं उनके परिवारजन और विभिन्न जिलों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। हमारी विशेषज्ञ की टीम है जिसमें सामान्य चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट, दंत चिकित्सक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, स्त्री रोग विशेषज्ञ और आर्थोपेडिक सर्जन के साथ 09 विजिटिंग कंसल्टेंट शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल को 14 रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर, 60 नर्स और 113 स्टाफ सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। नियमित जांच शिविर, जागरूकता शिविर आयोजित करने के साथ ही आयुष्मान भारत और सरकार द्वारा निर्धारित समस्त टीकाकरण कार्यक्रमों का अनुसरण बालको अस्पताल में किया जाता है। बालको अस्पताल छत्तीसगढ़ के कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर और जांजगीर चांपा जिलों से हर साल 2 लाख 10 हजार से अधिक रोगियों को सेवा प्रदान करता है।

Jitendra Dadsena

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