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पोड़ी उपरोड़ा में मातिन दाई मंदिर में होती है सिंहासन की पूजा जाने क्या है खास।

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मातिन दाई मंदिर कोरबा का एक छिपा हुआ अद्भुत खुबसुरत सा मंदिर है, मातिनखास का यह स्‍थान कभी छत्‍तीसगढ़ के 36 गढ़ो में से एक था । वर्तमान में यह छत्‍तीसगढ़ के कोरबा जिले का एक छोटा सा गांव हैं, जहां मातिन पहाड़ पर मातिन दाई का एक छोटा सा मंदिर स्थित है, मातिन गढ़ के अंदर 84 गांव सम्‍मिलित होते थे ,समय के साथ छत्‍तीसगढ़ के ये 36 गढ़ कहां विलुप्‍त हो गये किसी को इसकी खबर नहीं है, लेकिन आज भी लोगो द्वारा मातिन दाई कि पुजा की जाती हैं, और माता के प्रति लोगो के मन में श्रद्धा का भाव बना हुआ हैं, वर्तमान में यह जगह मातिन दाई मंदिर और मातिन पहाड़ के कारण काफी प्रसिद्ध हैं, यहां नवरात्रि में लोगो कि काफी भीड़ होती हैं, यहां पहुंचने के लिए कोरबा पेंड्रा मेन हाईवे से जटगा तक फिर वहां से रानीअटारी के रास्‍ते में मातिन नामक एक छोटा सा गांव स्थित हैं, इसकी दूरी कोरबा जिला मुख्‍यालय से 73 कि.मी. और बिलासपुर जिला मुख्‍यालय से 116 कि.मी. हैं, यहां पहुंचने के लिए कोई वाहन सुविधा उपलब्‍ध नहीं होने के कारण आप केवल स्‍वयं साधन से यहां तक पहुंच सकते हैं,

मातिन दाई का मंदिर लगभग 2000 फ़ीट की ऊँचाई पर है कोरबा के सबसे खुबसुरत जगहों में से एक हैं, यहां मातिन दाई का मंदिर पहाड़ पर स्थित हैं, और आस-पास दूर-दूर तक कोई बड़ा शहर नहीं हैं, यह जगह चारों तरफ से पहाड़ो जंगल घाटियों से घिरा हुआ हैं, जिसका नजारा बहुत ही खुबसुरत हैं, मातिन दाई गोंड़ आदिवासियों की आराध्‍य देवी हैं, जिनकी पुजा कोरबा क्षेत्र के आदिवासी लोगो द्वारा किया जाता हैं, यहां इस मंदिर में माता की कोई मुर्ति नहीं लोग उनके आसन की पुजा करते हैं, कहा जाता हैं, मंदिर से कुछ दूरी पर एक और पहाड़ स्थित हैं, जिस पहाड़ पर कभी राजाओं का किला हुआ करता था । जो पुरी तरह से ध्‍वस्‍त हो चुका हैं, किले तक पहुंचने का मार्ग भी काफी दु्र्गम हैं, और जंगली जानवरों के उपस्थिति के कारण वहां लोगो का आना जाना भी बंद हो गया हैं ।

मातिन दाई का यह मंदिर कोरबा के पर्यटन स्‍थलों में से एक हैं, जहां बहुत संख्‍या में पर्यटक आते हैं, खासकर नवरात्रि में यहां लोगो की काफी भीड़ होती हैं, कुंवार नवरात्रि में यहां मेले का भी आयोजन होता हैं, मेन हाईवे से दूर होने के कारण और सुगम रास्‍ते के अभाव में लोगो का यहां पर्यटन कम हो गया हैं भविष्‍य में यह कोरबा जिले का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल जरूर बनेगा । साथ ही पर्यावरण से जुड़े रहने वाले लोगो के लिए यह जगह स्‍वर्ग से कम नहीं हैं, जिसका नजारा देखने के लिए भारी संख्‍या में लोग यहां आते है

Jitendra Dadsena

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